सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग इतिहास के अनेक रहस्यों को संजोये हुए है, यहां पुरातात्विक उत्खनन जरूरी, एएसआई इच्छुक,

(जनसंदेश ब्यूरो)
लखनऊ दिसंबर। पूर्वी उत्तर प्रदेश का नेपाल की तराई का जिला महराजगंज का सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग, इतिहास के अनेक रहस्यों को संजोए हुए है। इस क्षेत्र के धरमौली में सोनारी वन भूमि पर पुरातात्विक उत्खनन कार्य कराया जाना चाहिए। एएसआई भी इसके लिए इच्छुक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नियमानुसार राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति से अनापत्ति, वन्य जीव क्लीयरेन्स हेतु प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें।
गुरूवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होने दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे इको टूरिज्म के स्थलों पर सुगम आवागमन हेतु हेलीकॉप्टर सेवा एवं 4 लेन रोड कनेक्टिविटी की सुविधा की जरूरत बताई। उन्होने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर नियोजित करने, सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था विकसित कर टूरिज्म का माहौल बनाने पर जोर दिया जाए।
उन्होने कहा कि पशु-पक्षियों का संरक्षण-संवर्धन हमारी संस्कृति का अंग है। प्रदेश में हर साल एक तय समय पर बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। इनकी सुरक्षा हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। इन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता स्वीकार नहीं है। ऐसी हर एक घटना के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
गंगा में डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। घाघरा, चंबल, सरयू, गेरुआ आदि अन्य नदियों में भी पाई जाने वाली डॉल्फिन व अन्य जीवों को संरक्षण किया जाए। स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करते हुए डॉल्फिन मित्र बनाया जाए।
नदियों में बढ़ती गाद एवं बाढ़ की समस्या के दृष्टिगत उनकी ड्रेजिंग का सतत जारी रखा जाना चाहिए। इससे गांवों के कटान में कमी आएगी, साथ ही, वनों एवं वन्य जीव की सुरक्षा की जा सकेगी। आय में वृद्धि भी होगी।
सबसे अहम फैसला, वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर बनाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। इससे इस कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे।